वृक्षारोपण: एक अनिवार्य कार्य और उज्ज्वल भविष्य की संजीवनी

प्यारे भक्तों, आज मैं एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर आपसे बातें करना चाहता हूँ—वृक्षारोपण का महत्व। वृक्षारोपण केवल आज की पीढ़ी के लिए नहीं है, बल्कि यह हमारे बच्चों, हमारे समाज और पूरे विश्व के कल्याण के लिए एक अनिवार्य कार्य है। 

जब हम आज एक वृक्ष लगाते हैं, तो यह केवल एक पौधा नहीं है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक संजीवनी है। सोचिए, यह वृक्ष आने वाले सैकड़ों वर्षों तक अपनी छाया और फल देगा। यह न केवल हमारे जीवन को समृद्ध करेगा, बल्कि हमारे समाज को भी एक नई जीवनशक्ति प्रदान करेगा। हमारे बच्चे, हमारे पोते-पोतियाँ, और आने वाली पीढ़ियाँ इस वृक्ष की छाँव में खेलेंगी, इसके फलों का आनंद लेंगी, और इसकी उपस्थिति से जीवन का आनंद प्राप्त करेंगी।

इसलिए, यह आवश्यक है कि हम आज वृक्षारोपण को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। ऋग्वेद में वृक्षों का रोपण एक धार्मिक कर्तव्य बताया गया है। जब हम वृक्ष लगाते हैं, तो हम न केवल अपने लिए, बल्कि समाज की भलाई और मानवता की उन्नति में भी सहायक बनते हैं। यह वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध करता है, वायु को शुद्ध करता है, और जलवायु को संतुलित रखता है।

भक्तों, जब हम वृक्षारोपण करते हैं, तब हम अपने भविष्य को सुरक्षित कर रहे होते हैं। हमें यह समझना होगा कि वृक्ष केवल लकड़ी के लिए नहीं होते, बल्कि वे हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। वे हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं, हमें फलों से भरपूर करते हैं, और हमारे जीवन को एक नई दिशा देते हैं। 

इसलिए, हमें अपने समाज में वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। हमें अपने परिवार, अपने पड़ोसियों और अपने समाज को प्रेरित करना चाहिए कि वे भी वृक्षारोपण का कार्य करें। जब हम सब मिलकर वृक्षारोपण करेंगे, तो हम न केवल अपने लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।

आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम वृक्षारोपण को अपने जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनाएँगे। यही हमारे धर्म का मूल आधार है। जब हम वृक्षों की रक्षा करते हैं, जब हम उन्हें बढ़ने का अवसर देते हैं, तब हम सच में इस धरती का सम्मान कर रहे होते हैं। यही हमारा सच्चा कर्तव्य है, यही हमारी सच्ची पूजा है।

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