स्वर्ण कलश

आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित अवधूत बाबा अरुण गिरि जी महाराज के नेतृत्व में वैश्विक महायज्ञ में विभिन्न देशों की मिट्टी का उपयोग  

 

आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित अवधूत बाबा अरुण गिरि जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित होने वाले इस विशाल वैश्विक महायज्ञ का उद्देश्य केवल धार्मिक या आध्यात्मिक नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक एकता, पर्यावरण संरक्षण और मानवता के कल्याण का प्रतीक है। इस महायज्ञ में एक अद्वितीय प्रयोग किया जाएगा, जिसमें विश्व के विभिन्न देशों की मिट्टी को एकत्र किया जाएगा और उसे दैवीय चिन्हों से मंडित स्वर्ण कलशों में लाया जाएगा। 

विश्व के 195 देशों की मिट्टी का संग्रह

इस महायज्ञ में भाग लेने के लिए विश्व के 195 देशों की मिट्टी एकत्र की जाएगी। यह मिट्टी उन देशों के राष्ट्रीय ध्वज के साथ उनके विशेष यज्ञ मण्डपों में भेजी जाएगी, जिससे यह महायज्ञ एक वैश्विक सहयोग का प्रतीक बनेगा। 

देशों के वितरण:

  •  अफ्रीका के 54 देशों की मिट्टी  
  •  एशिया के 48 देशों की मिट्टी  
  •  यूरोप के 44 देशों की मिट्टी  
  •  लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के 33 देशों की मिट्टी  
  •  उत्तरी अमेरिका के 2 देशों की मिट्टी  
  •  ओशिनिया के 14 देशों की मिट्टी  

यह सभी मिट्टी विश्व के प्रत्येक कोने से एकत्र की जाएगी, ताकि महायज्ञ का प्रभाव समग्र रूप से वैश्विक स्तर पर महसूस हो।

मिट्टी का मिश्रण और यज्ञशाला में प्रयोग  

एकत्र की गई यह मिट्टी गाय के गोबर में मिलाई जाएगी, जो भारतीय संस्कृति में एक पवित्र तत्व माना जाता है। इसके साथ ही, सभी तीर्थों के जल और मिट्टी को भी इस मिश्रण में डाला जाएगा। यह मिश्रण यज्ञशालाओं के सभी पवित्र यज्ञ कुण्डों में लेपित किया जाएगा। इस कार्य का उद्देश्य मिट्टी को शुद्ध करना और यज्ञ की शक्ति को बढ़ाना है।  

इस प्रक्रिया का आध्यात्मिक महत्व भी है, क्योंकि यह मिट्टी और जल के माध्यम से समस्त पृथ्वी के तत्वों को शुद्ध किया जाता है। यज्ञ के माध्यम से यह शुद्धीकरण न केवल पृथ्वी पर, बल्कि समग्र ब्रह्मांड पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। 

दिव्य चिन्हों से मंडित स्वर्ण कलश  

इस प्रक्रिया में विशेष ध्यान दिया जाएगा कि मिट्टी को स्वर्ण कलशों में लाया जाए, जो दैवीय चिन्हों से मंडित होंगे। यह कलश विशेष रूप से तैयार किए जाएंगे और प्रत्येक देश से लायी गई मिट्टी को इन कलशों में रखा जाएगा। यह स्वर्ण कलश एक प्रतीक बनेंगे, जो वैश्विक एकता, शांति और समृद्धि का प्रतीक होंगे। 

प्रभाव और उद्देश्य  

इस महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य केवल यज्ञ सम्पन्न करना नहीं है, बल्कि यह एक महान उद्देश्य को लेकर चलाया जाएगा:  

  •  वैश्विक शांति और समृद्धि: विभिन्न देशों की मिट्टी को एकत्र कर एक साथ मिलाने से, यह महायज्ञ पूरी दुनिया के कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।  
  •  पर्यावरण संरक्षण: यज्ञ के दौरान वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण की प्रक्रिया भी चलती रहेगी।  
  •  सांस्कृतिक और धार्मिक एकता: इस महायज्ञ में विभिन्न देशों की भागीदारी से सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं के बावजूद एकता का संदेश जाएगा।  

इस विशाल कार्य को देखकर यह समझा जा सकता है कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पहल है जो दुनिया भर के मानवता, शांति, और पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित है।