यज्ञ और धर्म
आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित अवधूत बाबा अरुण गिरी जी महाराज । एनवायरमेंट बाबा ।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सृष्टि के सृजन के पश्चात ब्रह्मा ने प्रथम यज्ञ किया था।
- प्रयाग का महत्व: इसी यज्ञ के कारण गंगा, यमुना, और सरस्वती के संगम पर स्थित तीर्थराज को प्रयाग नाम दिया गया। प्रयाग को भारत का सबसे पवित्र तीर्थ माना जाता है।
- द्वादश माधव: इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री हरि (विष्णु) द्वादश रूपों में यहाँ विद्यमान हैं।
- शिव और विष्णु का सहयोग: इस प्रथम यज्ञ में भगवान विष्णु पुरोहित थे और भगवान शिव उस यज्ञ के देवता बने।
- यज्ञ के उद्देश्य और संदर्भ
- यज्ञ का उद्देश्य मनोकामना की पूर्ति, कष्ट निवारण, देवताओं को प्रसन्न करना, और धर्म की रक्षा करना है।
- प्राचीन कथाएं:
- रामायण और महाभारत में ऐसे अनेक राजाओं का उल्लेख है जिन्होंने यज्ञ द्वारा ऐश्वर्य और शक्ति प्राप्त की।
- आज भी हवन और यज्ञ को उतना ही शुभ और फलदायी माना जाता है।